मधुमेह यह एक लाइफ स्टाइल डिस्ऑर्डर है. और जब भी खानपान या व्यायाम मे फरक पड़ेगा तब शुगर लेवल पर इसका इफेक्ट पड़ेगा.
इसी वज़ह से बारबार लगातार हर महीने शुगर टेस्ट करना जरूरी है.
हम खाना गिनके नहीं खाते, नाहीं हर एक रोटी एक साईज की होती है नाही एक रोटी मे कार्बोहाइड्रेट की मात्रा सेम होती है तो फिर शुगर लेवल कैसे रोज एक जैसा ही दिखे? इसके अलावा भी हर एक शुगर चेक करने की मशीन एक समान रीडिंग नहीं दिखाती, उसमे भी तो बदल है एरर है.
इसी वज़ह से एक जैसा शुगर लेवल रखना हमेशा ये बहुत डिफिकल्ट हो जाता है.
और बार बार टेस्ट करना अनिवार्य है.