नॉर्मल एच बी ए वन सी (HbA1c) टेस्ट रिजल्ट सेल्फ थेरपी से कैसे लाए?


अगर आपको मधुमेह
है तो आपने जरूर सुना होगा की डॉक्टरने आपको HbA1c टेस्ट करने बोला होगा। लेकिन आपको मालूम है की क्या है यह टेस्ट? आज जान लेते है, क्या है HbA1c टेस्ट। इस टेस्ट से आपके खून में पिछले २-३ महीने में ग्लूकोज कितना था उसका एवरेज समज़ता है। इसको हीमोग्लोबिन A1c ऐसे भी बोला जाता है। यह हीमोग्लोबिन को कितनी शुगर जुड़ गया है वह बताता है, जब ग्लूकोज खून में प्रवेश करता है तब वह पहले रेड ब्लड सेल (RBC) प्रोटीन से जुड़ जाता है जिसे हीमोग्लोबिन भी बोलते है। यह प्रोटीन पुरे शरीर में ऑक्सिजन की मात्रा को बनाए रखता है, और ग्लूकोज इससे जुड़ जाता है तो ग्लैकोसायलेटेड हीमोग्लोबिन (glycosylated haemoglobin) नामक कंपाउंड बनता है, अब HbA1c टेस्ट ग्लैकोसायलेटेड हीमोग्लोबिन का प्रमाण कितना वह बताता है, और RBC का आयुमान ही ३ महीने का होता है, इसलिए हर ३ महीने में HbA1c टेस्ट करने से ग्लैकोसायलेटेड हीमोग्लोबिन इस कंपाउंड का अनुमान होकर खून के ग्लूकोज़ लेवल का अनुमान किया जाता है, इसलिए डॉ. इस टेस्ट को बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान देते है मधुमेह के अनुमान के वक़्त। और कितने समय के लिए ब्लड शुगर लेवल ज्यादा थे इसका भी अनुमान डॉ. को इस टेस्ट की वजह से होता है।

आपको मधुमेह है या नहीं है लेकिन एक तंदरुस्त ज़िन्दगी जीने के लिए डॉ. हमेशा ऐसा बताते है की हर ३ महीने यह टेस्ट कीजिए।

अगर आपको मधुमेह है तो यह टेस्ट रिजल्ट को कैसे नॉर्मल रख सकते है ? मतलब 7 से कम 6.5 पे, यह जानने के लिए यह ब्लॉग अंत तक जरूर पढ़े।

HbA1c टेस्ट के रिजल्ट अगर नॉर्मल पाना चाहते हो तो लाइफस्टाइल में बदलाव करना बहुत ही जरूरी होता है।

अब खून में ग्लूकोज लेवल कम करना जरूरी होता है क्योंकि इससे और भी बीमारियां आ सकती है जैसे नर्व डॅमेज , किडनी के रोग, हार्ट के प्रॉब्लेम , अब बस एक ही कारण से इतनी सारी बीमारियां कैसे हो सकती है ऐसा अगर आप सोच रहे है तो कारण ऊपर ही लिखा है, ग्लूकोज हीमोग्लोबिन से जुड़ा होता है, और हीमोग्लोबिन का काम होता है पुरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचना, जब ऑक्सीजन के साथ ग्लूकोज भी हर जगह पहोचता है तब कोशिकाओं में अधूरे ऑक्सीजन की वजह से वह डॅमेज होना शुरू हो जाती है। इसलिए रक्त शर्करा को कंट्रोल करना बहुत महत्वपूर्ण होता है।

कैसे करे लाइफस्टाइल में बदलाव ?

१. सबसे जरुरत होती है वह योग, प्राणायाम या दूसरे कोई शारीरिक व्यायाम की जो आपको पसंद हो।
योग इसलिए ज्यादा डॉ. की ओर से बताया जाता है क्योकि यह सिर्फ आपके शरीर को ही नहीं तो आपके मन को भी दुरुस्त रखता है। अगर आप अब तक नहीं समझे तो निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे और देखिए की डॉ. निखिल प्रभुजी भी आपके लिए एक योगा स्टूडियो लेकर आये है।
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२. शरीर के साथ मन का स्वास्थ भी बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, ज्यादा स्ट्रेस लेने से ग्लूकोज लेवल बढ़ता है, इससे हार्ट की बीमारी या ब्लड प्रेशर की भी बीमारी हो सकती है। इसलिए अपने आपको खुश रखे, ज्यादा स्माइल करे, पॉसिटीव एनवायरनमेंट आसपास बनाये रखे। अपनों के साथ वक़्त बिताना, घरमे सोसाइटी में कुछ छोटीमोटी ऐक्टिविटी करना जिससे भाईचारा बढे और मन प्रसन्न रहे यह सब भी हमारी हेल्थ के लिए बहुत ही जरुरी होता है।

३. दीर्घ श्वास लेना और बाहर छोड़ना, आपने सुना ही होगा डॉ. हमेशा ऐसी सलाह देते है, इससे स्ट्रेस लेवल कम हो जाता है, हार्ट के कोई प्रॉब्लेम नहीं होते, मन शांत रहने में मदद होती है, और अगर मन अच्छा तो सब कुछ अच्छा।

४. रोज चलना बहुत ही जरूरी होता है, रोज सुबह शाम आधा घंटा चलना टहलना, जैसे आपकी कपैसिटी ही स्लो या फास्ट चलना, डायबिटीज के लिए बहुत ही उपायकारक माना जाता है, इससे कैलरी भी कम होते है और हृदय की बीमारी नहीं होती है, यह शरीर में इंसुलिन और प्रभाव से घुलने में भी मदद करता है।


५. कोई भी चीज में जल्दबाजी न करे, चाहे वह खाना हो या दूसरी कोई चीज, जल्दबाजी में बहुत बार हम स्ट्रेस ले लेते है, इसलिए कोई भी चीज आराम से करे, खाना बहुत ही आराम से चबा चबाकर खाएं, इससे पाचन भी अच्छे से होता है।

६. नई नई चीजें सीखते रहे, रोज थोडासा कोई आर्टिकल या कोई पुस्तक पढ़े जिससे मन प्रसन्न रहे और मानसिक आरोग्य अच्छा हो।

७. हर ३-४ घंटे में खाना खाये, एक ही साईज का मील यानी खाना हर बार खाये, मील प्लान मतलब क्या खाये क्या नहीं यह पूरे दिन का बनाये रखे जिससे दिन प्लान करने में आसानी हो जाती है।


८. खाने में रोज हरी सब्जी, प्रोटीन, काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट मतलब जो पदार्थ घुलने में वक़्त लेते है वैसे खाये , यह प्लान करने के लिए अपने डॉ. और डायटीशियन की मदद जरूर ले।

९. जंक फूड मैदे से बना कुछ भी, तला हुआ खाना बिल्कुल भी नहीं खाये। सोने से ३ घंटे पहले खाना खाये।

१०. हर एक भोजन के बाद टहलना बहुत ही जरूरी हैं, १०-१५ मिनट खाने के बाद टहलने से ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ती, और मधुमेह कंट्रोल में भी रहता है।

इस तरह की कुछ सेल्फ थेरपी से भी मधुमेह आप कंट्रोल में ला सकते हो। और HbA1c टेस्ट के रिजल्ट भी नॉर्मल आ सकते है।

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