जैसे आपको पता है जब कोई व्यक्ति मधुमेह से परेशान होता है, तो मधुमेह त्वचा सहित शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करता है। मधुमेह से पहले हमारा शरीर हमें कुछ संकेत देता है। आइये आज उस पर नजर डालते है।
त्वचा पर पीले, लाल और सफ़ेद धब्बे
चमकदार त्वचा लगभग चीनी मिट्टी (porcelain) के बर्तन जैसी दिखती है। लेकिन मधुमेह की शुरुआत से पहले ही त्वचा में खुजली और दर्द होने लगता है। कुछ समय बाद ये त्वचारोग निष्क्रिय हो जाता है। और बादमे यह फिर से सक्रिय हो जाता है।
हार्ड स्किन
डायबेटिक पेशंट के अंगो की नसों को पसीना बाहर निकालने का संदेश न मिले तो त्वचा रूखी हो सकती है। यदि आपको मधुमेह है, तो आपकी त्वचा और उँगलियाँ भी सख्त हो सकती है। और आपके लिए हिलना मुश्किल हो सकता है। अगर आपको लंबे समय से मधुमेह है तो आपकी उंगलिया अटकी हुई महसूस होती है।
फफोले
डायबेटिक पेशंट के अंगो की नसों को पसीना बाहर निकालने का संदेश न मिले तो त्वचा रूखी हो सकती है। यदि आपको मधुमेह है, तो आपकी त्वचा और उँगलियाँ भी सख्त हो सकती है। और आपके लिए हिलना मुश्किल हो सकता है। अगर आपको लंबे समय से मधुमेह है तो आपकी उंगलिया अटकी हुई महसूस होती है।
स्किन इन्फेक्शन (त्वचा संक्रमण)
डाईबीटीज के मरीज अक्सर स्किन इन्फेक्शन के शिकार होते है । कई बार त्वचा मे खुजली होती है। और रेशेज भी हो जाते है। डाईबीटीज त्वचा की नई समस्याएं पैदा कर सकता है और पुराने को और तीव्र कर सकता है।
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मधुमेह के कारण होने वाली त्वचा की समस्या | डॉ निखिल प्रभु
चोट जल्दी ना भरना
डाईबीटीज के मरीजों को चाहे कुछ भी हो जाए, घाव जल्दी नहीं भरते। ब्लड सर्कुलेशन ठीक नहीं होने के कारण शरीर में घावों को भरना मुश्किल हो जाता है।अनुचित तरीकेसे ब्लड सर्कुलेशन के कारण त्वचा की ठीक होने की क्षमता को कम कर देता है और त्वचा का कोलेजन बिगड़ जाता है।
तो सारांश के रूप मे जानते है , जैसे जैसे हमारे शरीर मे शुगर बढ़ने लगती है वैसे वैसे शरीर के हर हिस्से मे एक मौजूदा लिक्विड कम होने लगता है, और उससे हमारी त्वचा सुखी पड़ जाती है। और रूखी त्वचा से कई सारी समस्याएँ जैसे की त्वचा में दरारें और त्वचा में इन्फेक्शन, सूजन, लालिमा आदि हो सकती है। फंगल इन्फेक्शन किसी को भी हो सकता है, लेकिन डाईबीटीज़ से पीड़ित लोगों में ये संभावना जादा होती है। त्वचा मे लालिमा, खुजली, छाले और रैशेज जैसी समस्याएँ नजर आने लगती है। त्वचा पर पिंपल्स के समान छोटे-छोटे फफोले दिखाई देते है, लेकिन अगर हम इसे नजर अंदाज करते है तो वे पीले या लाल भूरे रंग के साथ सूजन और कठोर त्वचा के पैच में विकसित हो जाते है। मधुमेह के कारण ब्लड मे मौजूदा ग्लूकोस लेवल ब्लड सर्क्युलेशन सही तरीकेसे नहीं होता है और खराब ब्लड सर्क्युलेशन के कारण त्वचा की ठीक होने की क्षमता कम हो जाती है, और त्वचा के कोलेजन को नुकसान पहुंचता है। त्वचा की कोशिकाएं ठीक से काम नहीं कर पाती है उसिकी वजह से त्वचा अधिक संवेदनशील हो जाती है।
अगर ब्लड हाई है, तो इसका मतलब है की आप अनरेगुलर डाईबीटीज़ से पीड़ित है। और इसमे आपको ब्लड शुगर कंट्रोल करने की जरूरत होती है। नहीं तो त्वचा पर काले धब्बे आपके गोरे रंग को प्रभावित कर सकते है। त्वचा मे खुजली भी हो सकती है।
क्या इसके अलावा और भी कुछ लक्षण है ?
डाईबीटीज के पेशंट मे ये बाते देखने मिलती तो है लेकिन इनके अलावा भी कुछ समस्याएँ हमे देखने मिलती है, जैसे
- रात में पेशाब करना
शरीर मे जो अतिरिक्त मात्रा में शुगर बन जाती है उससे छुटकारा पाने के लिए शरीर इसे पेशाब में बदल देता है।
- अत्यधिक प्यास
- अनावश्यक वजन कम होना
- बहुत भूख लगना
- हाथ और पैरों में सुन्नपन
- थकान
तो सारांश के रूप मे जानते है , जैसे जैसे हमारे शरीर मे शुगर बढ़ने लगती है वैसे वैसे शरीर के हर हिस्से मे एक मौजूदा लिक्विड कम होने लगता है, और उससे हमारी त्वचा सुखी पड़ जाती है। और रूखी त्वचा से कई सारी समस्याएँ जैसे की त्वचा में दरारें और त्वचा में इन्फेक्शन, सूजन, लालिमा आदि हो सकती है। फंगल इन्फेक्शन किसी को भी हो सकता है, लेकिन डाईबीटीज़ से पीड़ित लोगों में ये संभावना जादा होती है। त्वचा मे लालिमा, खुजली, छाले और रैशेज जैसी समस्याएँ नजर आने लगती है। त्वचा पर पिंपल्स के समान छोटे-छोटे फफोले दिखाई देते है, लेकिन अगर हम इसे नजर अंदाज करते है तो वे पीले या लाल भूरे रंग के साथ सूजन और कठोर त्वचा के पैच में विकसित हो जाते है। मधुमेह के कारण ब्लड मे मौजूदा ग्लूकोस लेवल ब्लड सर्क्युलेशन सही तरीकेसे नहीं होता है और खराब ब्लड सर्क्युलेशन के कारण त्वचा की ठीक होने की क्षमता कम हो जाती है, और त्वचा के कोलेजन को नुकसान पहुंचता है। त्वचा की कोशिकाएं ठीक से काम नहीं कर पाती है उसिकी वजह से त्वचा अधिक संवेदनशील हो जाती है।
अगर ब्लड हाई है, तो इसका मतलब है की आप अनरेगुलर डाईबीटीज़ से पीड़ित है। और इसमे आपको ब्लड शुगर कंट्रोल करने की जरूरत होती है। नहीं तो त्वचा पर काले धब्बे आपके गोरे रंग को प्रभावित कर सकते है। त्वचा मे खुजली भी हो सकती है।
क्या इसके अलावा और भी कुछ लक्षण है ?
डाईबीटीज के पेशंट मे ये बाते देखने मिलती तो है लेकिन इनके अलावा भी कुछ समस्याएँ हमे देखने मिलती है, जैसे
- रात में पेशाब करना
शरीर मे जो अतिरिक्त मात्रा में शुगर बन जाती है उससे छुटकारा पाने के लिए शरीर इसे पेशाब में बदल देता है।
- अत्यधिक प्यास
- अनावश्यक वजन कम होना
- बहुत भूख लगना
- हाथ और पैरों में सुन्नपन
- थकान
क्या उपाय करें जिससे त्वचा से संबंधित समस्या उत्पन्न ना हो?
- मधुमेह को नियंत्रण में रखें। इसके लिए आप डाईबीटीज डॉक्टर या डाईबीटीज स्पेशालिस्ट की सलाह ले।
- अगर त्वचा रूखी है तो बचाव के तरीके अपनाए जैसे की मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें। सूखी या खुजली वाली त्वचा को खुजलाने से त्वचा टूट सकती है और संक्रमण फैल सकता है। ब्रेकआउट को रोकने के लिए अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज़ रखें।
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क्या सूखी त्वचा आपको परेशा कर रही है | मधुमेह के घरेलू उपचार | मधुमेह और सूखी त्वचा
3. त्वचा के कटने का तुरंत उपचार करें। अगर कोई छोटा कट है, तो घाव को साबुन और पानी से धो लें। डॉक्टर की सलाह के अनुसार एंटीबायोटिक्स और मलहम लगाएं। छोटे घावों को बाँझ रुई से ढकें। अगर त्वचा पर कोई बड़ा कट, जलन या संक्रमण है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
4. सर्दियों में अपनी त्वचा को ठंड और हवा से बचाने के लिए अपने कान, चेहरे, नाक को ढकें और टोपी पहनें। इसी तरह गर्म दस्ताने और बूट पहनें।
5. अपने पैरों की रोजाना जांच करें। क्योंकि अगर इससे नुकसान होता है तो सुन्नता हो सकती है। इसलिए, उस पर घाव, पपड़ी या पंक्चर को आसानी से अनदेखा किया जा सकता है। नींबू का शरबत, छाछ जैसे पेय पदार्थों का खूब सेवन करें। साबुत अनाज, कम वसा वाले खाद्य पदार्थ, फल और सब्जियों का स्वस्थ आहार खाने पर ध्यान दें।
6. अपनी त्वचा को साफ और शुष्क रखें, विशेष रूप से अंडरआर्म्स के आस-पास, स्तनों के नीचे, पैर की उंगलियों और जांघों में समस्या वाले क्षेत्रों में। सनस्क्रीन का प्रयोग करें
7. इसके अलावा आप घरेलू उपचार ट्राई करे जैसे , दो चम्मच शहद में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर बने स्किन पैक का इस्तेमाल करें। इसे त्वचा पर लगाकर 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें। शहद त्वचा को मॉइस्चराइज़ करता है और हल्दी संक्रमण से लड़ने में मदद करती है.
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फंगल इन्फेक्शन (fungal infection) घरेलू उपाय | स्किन प्रॉब्लम घरेलू ट्रीटमेंट | Dr Sunita MD Skin
क्या हम डाईबीटीज को नियंत्रित कर सकते
आप डाईबीटीज को नियंत्रित करने के लिए नीचे दी गयी सूची का पालन कर सकते है।
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- अपने कार्ब्स (कार्बोहाइड्रेट) के सेवन को नियंत्रित करें
- फाइबर का सेवन बढ़ाएँ
- पानी पियें और हाइड्रेटेड रहें
- कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इन बीमारियों का खतरा अधिक होता है और हर एक व्यक्ति का शारीरिक ढांचा अलग होता है, तो हमारी सलाह यही रहेगी की यहा दी गयी सूची का पालन करने से पहले आप डाईबीटीज डॉक्टर या विशेषज्ञोकि सलाह जरूर लें।