मधुमेह में गूढ़ खा सकते है या नहीं ?

भारतीय संस्कृति में गूढ़ सब ही चीजों में होता है, बोहोत से घरों में खाने में रोज भी इसका उपयोग किया जाता है। लेकिन जब बात आती है की डायबिटीज के मरीजों ने गूढ़ खाना चाहिए या नहीं ये जानना है तो यह ब्लॉग अंत तक पढ़े।

गूढ़ में बहुत ही भिन्न विभिन्न प्रकार के जीवनसत्व होती है, यह बहुत ही चीजों के लिए अच्छा माना जाता है, जान लेते है गूढ़ के क्या क्या गुणधर्म है और किस किस तकलीफ में हम गूढ़ का सेवन कर सकते है।

इस सबसे पहले यह जान लेते है की गूढ़ बनता किस चीज से?

गूढ़ गन्ने के रस से बनाया जाता है, गन्ने के रस को एक बड़े से कंटेनर में उबाल के यह बनाया जाता है, इसमें बहुत तरह तरह की पौष्टिक तत्व मौजूद होती है,

पौष्टिक तत्त्व (१०० ग्राम गूढ़ ) मात्रा
calories (कैलोरीज ) ३८३ kcal
carbohydrate (कार्बोहाइड्रेट ) ९. ८ ग्राम
fat (फैट ) ०.१ ग्राम
प्रोटीन ०.४ ग्राम
मिनरल्स कैल्शियम – ८ मिलीग्राम

लौह (आयरन )-११ मिलीग्राम

मैग्नीशियम – १६ मिलीग्राम

फास्फोरस – ४ मिलीग्राम

पोटैशियम – १४ मिलीग्राम

सोडियम -३० मिलीग्राम

सेलेनियम -१.४ मिलीग्राम

गूढ़ में मौजूद आयरन रक्तदाब को नियंत्रित करने में, ऑक्सीडेटिव तनाव को दूर करने में और पाचन में मदत करता है।
पोटेशियम रक्तदाब को नियंत्रित करने में मदद करता है।
मैग्नीशियम सामान्य तत्रिकाओ और मांसपेशियों के कार्य को अच्छे से चालू रखने में बहुत ही मदद करता है और दिल की सेहत के लिए भी बहुत ही अच्छा माना जाता है।
यह हड्डियों को भी मजबूत रखता है।
जान लेते है गूढ़ किस तरह से लाभदायक हो सकता है
१. गूढ़ वजन नियंत्रित करने में मदद है, इसमें मौजूद पोटैशियम आपके वजन को नियंत्रित रखने में मदद करता है। यह रक्त शुद्ध रखने के लिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।
२. यह कब्ज की परिस्थिति में भी बहुत मददगार मन जाता है, गूढ़ पेट साफ़ होने में मदद करता है तो यह कब्ज के लिए बहुत ही उपायकारक माना जाता है।
३. जैसे की आपने ब्लॉग में ऊपर भी पढ़ा होगा की गूढ़ में कितने भिन्न तरह के जीवनसत्व है और विटामिन की मौजूदगी की वजह से यह हमारी इम्युनिटी बनाये रखता है। साथ ही साथ यह शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को भी बढ़ाता है, इसी वजह से यह हमारी संपूर्ण सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक मन जाता है।
४. यह शरीर के विषारी पदार्थ बाहर निकालने में भी बहुत काम आता है।
५. श्वसन की समस्या में भी गूढ़ एक अच्छा घरेलु उपाय माना जाता है, यह शरीर में गर्मी पैदा करता है, और अगर यह गरम दूध में डालके लिया तो सर्दी से तुरंत राहत मिलती है।
६. गूढ़ में पोटैशियम और सोडियम मौजूद होते है, जो की शरीर में एसिड लेवल को सही रखने में बहुत ही अच्छा माना जाता है, इसी वजह से गूढ़ हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए भी अच्छा माना जाता है।
७. मासिक धर्म के दौरान अगर महिला को ज्यादा ही दर्द है तो गूढ़ खाने से उससे राहत मिलती है।
८. एनीमिया रोकने में गूढ़ बहुत ही अच्छा माना जाता है क्युकी यह आयरन से भरपूर होता है जिससे RBC उत्पादन में मदद होती है, इसलिए यह खून की कमी के बीमारी में बहुत ही उमदा उपाय माना जाता है।
९. गूढ़ में मौजूद मैग्नीशियम तंत्रिकाओं और मांसपेशियों के सही कार्यगति चालू रखने में भी मदद करता है।
१०. पेशाब से सम्बंधित बीमारी में भी गूढ़ बहुत ही लाभदायक माना जाता है।

लेकिन अगर मधुमेह में गूढ़ खाना चाहिए या नहीं अगर यह जानना है तो निचे दी गए लिंक पर क्लिक करे 👇
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गूढ़ खाना चाहिए या नहीं इसका उत्तर बहुत ही आसान है, अगर आप को मधुमेह है तो खाने से पहले सबसे पहले जो चीज देखनी चाहिए वह उस चीज का ग्लैसीमीक इंडेक्स (glycemic index) , जो पदार्थ खून में धीरे धीरे ग्लूकोज छोड़े उन्हें कम ग्लैसीमीक इंडेक्स वाले खाद्यपदार्थ माना जाता है, लेकिन जिससे खून में ग्लुकोज की मात्रा बहुत ही जल्द बढ़ती है, उसे हाई ग्लैसीमीक इंडेक्स वाले खाद्यपदार्थ माना जाता है, डॉ. हमेशा मधुमेह वाले मरीज को ऐसी चीजों का सेवन करने बोलते है जिसका ग्लैसीमीक इंडेक्स कम है , या फिर काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट मतलब ऐसे पदार्थ जिससे पाचन में समय लगता है, जैसे भी छिलके वाली दाल हम सबको डॉ. बहुत ही सेहतमंद है ऐसा बताया है वह यही कारण से। १-५५ यह कम ग्लैसीमीक इंडेक्स होता है, ५६-६९ मध्यम लेकिन ७० से ऊपर अगर ग्लैसीमीक इंडेक्स है तो वह सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक होता है।
गूढ़ एक ज्यादा ग्लैसीमीक इंडेक्स वाला खाद्य है। इसका ग्लैसीमीक इंडेक्स ८४.४ है जो की बहुत ही अच्छा है। गूढ़ में सभी कार्ब्स शुगर होते है जिससे यह खून में बहुत ही जल्दी ग्लूकोज छोड़ता है, जिससे रक्त शर्करा बढ़ सकती है।
अच्छे क्वालिटी वाले गूढ़ में ७०% से अधिक सुक्रोज़, १०% से कम ग्लुकोज़ और फ्रूक्टोस और ५% खनिज और ३% नमी होती है , लोहे के बर्तन में बनने की वजह से इसमें लोह का प्रमाण बहुत बड़ी मात्रा में होता है।
इसमें सूक्रोज़ की मात्रा अधिक होने की वजह से शरीर में यह तुरंत ही ग्लूकोज़ में परिवर्तित होता है और तेजी से खून में प्रवेश करता है इस वजह से रक्त शर्करा बढ़ती है, इसलिए मधुमेह वाले लोगोने गूढ़ का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे आपके शरीर का ग्लुकोज लेवल ऊपर नीचे होने की सम्भावना होती है।

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