मधुमेह और आँखों की बीमारी
मधुमेह शरीर के हर अंग पर असर करता है, और इसमें एक अहम भाग है जो है आँख, जी हां मधुमेह आँखों की रोशनी पर भी असर करता है, और इसे डायबिटिक रेटिनोपैथी ऐसे बोला जाता है, यह रेटिना मतलब आँखों का पर्दा, जहा तस्वीर बनती है, उसे जोड़ने वाली खास कोशिकाओं पर असर करता है, और अगर जल्दी इलाज नहीं किया गया तो वह व्यक्ति अंधी होने की भी सम्भावना होती है, और भी कुछ आँखों से जुडी बीमारिया मधुमेह की वजह से हो सकती है वह भी हम इस ब्लॉग में जान लेंगे।
कौन से लोगों को हो सकती है डायबिटिक रेटिनोपैथी?
ऐसे लोग जिनका मधुमेह कभी भी नियंत्रण में नहीं था, ऐसे लोगों को डायबिटिक रेटिनोपैथी होने की संभावना होती हैं, बहुत साल से मधुमेह है, और उम्र ४५-५० या फिर उससे भी ज्यादा उम्र वाले लोगों को डायबिटिक रेटिनोपैथी की सम्भावना है, ऐसे लोग जिन्हें डायबिटीज के साथ ही क्रोनिक बीमारियां जैसे की हाइपरटेंशन, किडनी से जुड़ी कोई बीमारी, इन्हे डायबिटिक रेटिनोपैथी होने की संभावना ज्यादा है। कुछ प्रेग्नेंट महिलाएं, जिन्हें मधुमेह सिर्फ प्रेगनेंसी में ही है, उन्हें आखिरी ३ महीने यह प्रॉब्लम होने की बहुत ही संभावना है। और यदि आपको मधुमेह है तो साल में एक बार आंख जरूर चेक करवा के ले जिससे डायबिटिक रेटिनोपैथी अगर है तो वह शुरुआत के स्टेज में ही पता चल जाये।
डायबिटिक रेटिनोपैथी के प्रकार :
इसके दो प्रकार होते है, एक जो शुरुआती स्टेज ही हम बोल सकते है और दूसरा गंभीर हो सकता है।
१.नॉन प्रोलिफरेटिव डायबिटिक रेटिनोपैथी (non proliferative retinopathy):
यह एकदम शुरुआत की स्टेज होती है जहा, आँखों में नयी कोशिकाएं नहीं बनी होती है, इस स्टेज में क्षतिग्रस्त कोशिकाओं से खून लीक होने लगता है, अगर आप एकदम ही प्रारंभ के स्टेज में है तो यह आप अपना ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में लाकर भी रेटिनोपैथी को काबू में ला सकते है, और उसको बढ़ने से रोक सकते है, इस तरह से हम इसको अगले चरण में जाने से रोक सकते है।
२. प्रोलिफरेटिव डायबिटिक रेटिनोपैथी (Proliferative diabetic retinopathy):
इसे एडवांस रेटिनोपैथी बोलै जाता है, इसमें नयी रक्त वाहिकाएं आँख में विकसित होना शुरू हो जाता है, यह असामान्य होती है और आँखों में विकसित होती है, इसे ठीक करने में कभी लेज़र ट्रीटमेंट या कभी कबार सर्जरी की भी जरुरत लगती है। और अगर उसकी दवा या कोई भी ट्रीटमेंट नहीं ली तो हमेशा के लिए आँखों की रौशनी जाने की संभावना होती है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण :
डायबिटिक रेटिनोपैथी दोनों आँखों में होने की संभावना होती है, निचे दिए गए कुछ लक्षण किसी को तो किसी को कोई दूसरा लक्षण ऐसे व्यक्ति से व्यक्ति तक बदल सकता है।
१. सामने तैरती हुयी चीजे दिखाई देना, जैसे की काले धब्बे दिखाई देना।
२. रात को देखने में मुश्किल होना।
३. धुंधला दिखाई देना।