इंटरनॅशनल डायबिटीज फेडरेशन के जारी किए संख्या के अनुसार भारत और एशियाई देशों में डायबिटीज या मधुमेह की मात्रा अधिक होती जा रही है. भारत में करीब 8 करोड़ से ज्यादा लोग मधुमेह से ग्रसित हैं. और ये संख्या आने वाले समय में दुगनी होनी की संभावना बतायी जा रही है. इसके अलावा भारत में करीब 15% लोगों मे प्री डायबिटीज भी होने के लक्षण है.
अभी भारत में देखा जाए तो करीब 60% जनसंख्या युवा वर्ग में मतलब उम्र 15 साल से 40 साल के दरम्यान आती है.
नयी स्टडीज के अनुसार यह पाया गया है कि भारतीय युवाओं मे मधुमेह काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. ऐसे ही चलता रहा तो कुछ ही सालों में भारत चीन को मधुमेह मरीज़ों की संख्या मे ओवरटेक कर लेगा और वर्ल्ड डायबिटिक हब बन जाएगा. इसे रोकना बहुत जरूरी है. इसी लिए पहले तो इसके लक्षण और कारण जानना जरूरी है.

मधुमेह के लक्षण क्या है?
बहोत प्यास लगना, बहोत भूक लगना, बहोत पेशाब जाना, मुह सूखना, वजन कम हो जाना, पैरों में मुंगी जलन झुनझुन होना, सुन्न हो जाना, घाव ना भरना, कन्फ्युजन, मेमरी प्रॉब्लेम, भूल जाना, इत्यादि
ये सारे लक्षण जरूरी नहीं कि सभी मे पाए जाए. ये आदमी से आदमी वेरी करती है. और काफी लक्षण आने के लिए शुगर की खून की मात्रा काफी बढ़ी होनी चाहिए, जिसमे समय लगता है और इसलिए इसे डिटेक्ट करना मुश्किल हो जाता है
युवाओं मे मधुमेह बढ़ने के क्या कारण है?
1. शारीरिक परिश्रम कम होना.
आज कल देखा जाए तो भारतीय युवाओं मे खेल कूद कम और मोबाईल का ईस्तेमाल बढ़ता जा रहा है. Covid 19 के बाद से वर्क फ्रॉम होम का कल्चर भी काफी आम हो गया है.
आज कल की युवा पीढ़ी चलना कम और मोबाईल एप का ईस्तेमाल जादा करती है. आज कल बाजार से सब्जी फ्रूट दूध ले आना भी एप के जरिए हो गया है. झोमॅटो स्विगी बिग बास्केट अर्बन कॅप जैसे काफी अप्प पॉपुलर है आज की पीढ़ी मे.
ओला उबर जैसे एप के कारण चलना बिलकुल ही कम हो गया है. टाइम बचाने के लिए घर से ही कैब बुलाई जाने लगी है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजंस जैसी तकनीक ईन चीजों मे और भी वृद्धि लाने की संभावना है.
2. वजन बढ़ना और ओबेसिटी
आज कल की युवा पीढ़ी जंक फूड, फास्ट फूड ज्यादा पसंद करती हैं. आप मे से बहोत सारे लोग आज भी स्ट्रीट फूड पसंद करते हैं ये मात्रा मुंबई दिल्ली बैंगलोर जैसे मेट्रो सिटी मे काफी ज्यादा है. चायनीज़ मंचुरियन बर्गर पास्ता पिज्जा ऐसे काफी सारी चीजें हम रोजाना या हफ्ते मे काफी बार मंगाते है.
आज देखा जाए तो 30 साल के करीब काफी युवाओं मे पेट बाहर आया हुआ पाया जाएगा. बहुतांश पब्लिक ओबेसिटी और ओवर वेट केटेगरी मे आती है. ये कारण भी युवाओं मे मधुमेह की मात्रा अधिक होने का कारण है.
3. मेंटल स्ट्रेस और टेंशन
अभी देखा जाए तो महंगाई सारे कित्ते मे ही काफी बढ़ गई है. बढ़ते इन्फ्लेशन के कारण चीजे महंगी होती जा रही है. आम आदमी की रोज मरा की चीजे जैसे घर का किराया, बिजली, पानी, पेट्रोल, खाना सभी चीजों मे बढ़त हो रही है. बड़ी कंपनियां कामगार कटौती कर रही है. जॉब कम होते जा रहे हैं. टार्गेट अचिव्हमेंट फोकस बढ़ता जा रहा है इसके कारण टेंशन और ज्यादा बढ़ रहा है. नींद कम हो गई है. डिप्रेशन उदासी युवाओं मे ज्यादा पायी जा रही है. ईन सब के कारण स्ट्रेस लेवल बढ़ते जा रहा है भले वो जॉब का हो, फॅमिली का हो या पैसे का हो.
4. Covid 19 इन्फेक्शन
Covid 19 के बाद काफी सारे पेशंट मे डायबिटीज आने की मात्रा बढ़ी है. इसमे काफी सारे चीजे समाविष्ट होती है जैसे inflammation (जलन), फिजिकल स्ट्रेस, स्टेरॉयड दवा का प्रयोग, covid 19 के बाद की रिकवरी ईत्यादी
5. जेनेटिक
टाइप 2 मधुमेह मे जेनेटिक फैक्टर काफी माई ने रखता है. अगर माँ बाप मे से एक को मधुमेह हो तो करीब 30-40% चान्स होता है कि बच्चे मे मधुमेह आए और अगर माँ बाप दोनों को मधुमेह हो तो 50% प्रतिशत से अधिक चांस है कि बच्चों को डायबिटीज आए. ये एक और महत्वपूर्ण कारण है कि युवाओं में मधुमेह बढ़ते जाने का.
इसके अलावा मधुमेह मे कुछ मोनोजेनेक फॉर्म भी होते हैं जिनमे 3 जनरेशन का मधुमेह का inheritance होता है. ये मधुमेह के टाइप सिंगल जिन म्यूटेशन के कारण होते हैं. इन्हें मॅच्युरिटी ऑन सेट ऑफ डायबिटीज ऑफ यंग (MODY) कहा जाता है. इनके करीब 6 प्रकार होते हैं. अभी रिसेंटली करीब 13 प्रकार पाए गए हैं. ये भी एक कारण है युवाओं मे मधुमेह की मात्रा अधिक होने का.
इसे रोकने के लिए क्या करना चाहिए?
युवाओं में पहले तो मधुमेह के बारे में ज्ञान वितरण (awareness) करना जरूरी है. कॉर्पोरेट जॉब मे सालाना मधुमेह की स्क्रीनिंग होना चाहिए. हेल्थ रिलेटेड इश्तेहार सरकार द्वारा सभी प्लेटफॉर्म जैसे रेडियो टीवी इत्यादि के जरिए प्रमोट करने चाहिए.
युवाओं ने फिजिकल ऐक्टिवीटी बढ़ाने पे ध्यान देना चाहिए. सब ने कम से कम दिने मे 30 मिनट चलाना जरूरी है. जिसे पॉसिबल हो वहा जिम, सालसा, योगा, ऐरो ब्रिक्स, इत्यादि चीजे को प्रोत्साहित करे.
योगा, म्युझिक, मेडिटेशन ऐसे चीजों से स्ट्रेस लेवल कम होने मे मदत मिलेगी.
मधुमेह के अरली साइन को पहचाने जैसे गर्दन पे काला होना झुर्रियां पडना (Acanthosis Nigricans). ऐसे पेशन्ट ने शुगर की जांच जल्दी करनी चाहिए. जिनके माँ बाप मे किसीको मधुमेह हो तो उन्हाने सालाना शुगर की HbA1c की जांच करनी चाहिए.
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डॉ निखिल प्रभू
मधुमेह स्पेशलिस्ट डॉक्टर
घाटकोपर मुंबई