मधुमेह रोगियों में शराब के सेवन के परिणाम!!

कई अध्ययनों से हमें पता चलता है की, मधुमेह रोगियों में रक्त शर्करा ( ब्लड शुगर ) के स्तर पर शराब के कई प्रभाव होते है, और वे प्रभाव काफी हद तक इस बात पर निर्भर करते हैं कि क्या व्यक्ति ने अभी-अभी खाना खाया है और शराब का सेवन किया  है ? और उस वजह से (खिलाई गई अवस्था में) रक्त शर्करा तुलनात्मक रूप से अधिक है, या फिर जब व्यक्ति ने कई घंटों तक कुछ नहीं खाया हो और शराब का सेवन किया  है, और रक्त शर्करा का स्तर (ब्लड शुगर लेवल ) तुलनात्मक रूप से कम हो (उपवास की अवस्था में )। 

 

जैसे की आपको पता है डायबिटिज यह रोग ज्यादातर मामलों में दो स्थितियों मे उत्पन्न होता है 1)  हार्मोन इंसुलिन की कमी या पूर्ण कमी के कारण होता है, जो पैंक्रियास में उत्पन्न होता है, या 2) शरीर द्वारा इंसुलिन के लिए उचित रूप से प्रतिक्रिया करने में असमर्थता के कारण होता है। इन दोनों स्थितियों के परिणामों में लंबे समय तक, उच्च रक्त शर्करा (हाइ बी.पी.) का स्तर रक्त में कुछ अम्लीय पदार्थों का संचय और मूत्र में शर्करा का अत्यधिक उत्सर्जन शामिल हो सकता है। यदि हमने इसे ठीक से रोका या इलाज नहीं किया, तो इसके परिणामस्वरूप रोगी कोमा में पड़ सकता है और मृत्यु भी हो सकती है।

 

अब जानते है डायबिटिज पेशंट शराब का सेवन करते है तो क्या होगा ?

इसमे दो संभावनाएं है, की आप शराब का सेवन कब करते है। जैसे की खाना खाने के बाद या खाली पेट । 

जब आप खाना खाते है तो आपको पता होगा की आपका लिवर अल्कोहोल को डिटोक्सिफ़ाई करता है। लेकिन उसके अलावा लिवर ही एक ऐसा घटक है जो आपकी फास्टिंग शुगर को कंट्रोल करता है। अब होता ये है की अगर आप खाना खाने के बाद शराब का सेवन करते है तो लिवर सबसे पहले अल्कोहोल को डिटोक्सिफ़ाई करने के काम मे लग जाता है और जब तक अल्कोहोल पूरी तरीकेसे डिटोक्सिफ़ाई नहीं हो जाता तब तक लिवर दूसरा काम नहीं कर पाता। जब हम रातको खाना खाने के बाद सोते है, फिर भी हमारे शरीर के कई अंग जैसे की दिमाग, हृदय, लिवर, आदि ये उनका काम करते रहते है। और उन्हे उनका काम करने के लिए ग्लूकोस की जरूरत होती है। लेकिन जैसा आपने ऊपर पढ़ा की ग्लूकोस बनाने का काम जो की लिवर ने करना चाहिए वो नहीं कर पाता। और उसकी वजह से आपको लेट नाइट हाइपोग्लायसेमिया हो सकता है। याने की आपकी फास्टिंग शुगर अगर कंट्रोल नहीं होगी तो आपको लो शुगर होने की संभावनाए बढ़ती है। 

 

तो फिर कितनी शराब पीना सही होगा ?

 

डायबेटिक पेशंट को भारी मात्रा मे शराब पीने से बचना चाहिए (यानी, प्रति दिन 10 से 12 से अधिक पेय), क्योंकि इससे कीटोएसिडोसिस और हाइपरट्रिग्लिसराइडिमिया हो सकता है। इसके अलावा, उपवास की स्थिति में भारी शराब पीने से हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है और अंततः मधुमेह रोगियों की गैर-हृदय कारणों से मृत्यु का खतरा बढ़ सकता है। 

विशेषज्ञोकि की अगर राय ले तो वे आपको ( मधुमेही व्यक्ति को ) शराब पीने से ही मना करेंगे, लेकिन आपका कंट्रोल नहीं रहता तो आपको ये सलाह दे सकते है की पुरुषों को प्रतिदिन 2 पैग से ज्यादा और महिलाओं को 1 पैग से ज्यादा शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। आप ये मात्रा किसी गैर डायबिटिक लोगों के लिए भी हम सुरक्षित मान सकते है। इसमे 1 पैग का मतलब एक गिलास वाइन, या फिर बीयर का एक पिंट, या रम, वोड्का या व्हिस्की का 30 एमएल है। 

 

इस विषय के बारे में अधिक जानने के लिए यह वीडियो देखें।
https://www.youtube.com/watch?v=G-PtAYAizOg

क्या होगा अगर डायबिटीज़ की दवाओं के साथ आप शराब भी ले तो ?

 

शराब याने की अल्कोहोल का असर खानेवाली कुछ हाइपोग्लाइसेमिक वाली दवाओं पर पड़ता है, और जिससे हमे सिरदर्द या उल्टी या दोनों होते है।  ये भी देखा गया है कि डायबिटीज़ के मरीजो में कभी कभी शराब पीने से इन  दवाओंका का असर बढ़ जाता है, लेकिन लगातार जो शराब पीते है उनमे ये असर कम हो देखा गया है। 

अब , मान लेते हैं कि आपको फ़िलहाल तो किसी प्रकार का डायबिटीज़ है ही नहीं , लेकिन अगर देखा जाए तो शराब से जुड़ी इन सच्चाईयों को आपको ध्यान में रखना भी ज़रूरी है:

 

डायबिटीज़ के मरीज शराब पीने के दौरान इन सूची का अवश्य पालन करें

डायबिटीज़ के मरीज शराब पीने के दौरान इन सूची का अवश्य पालन करें

  • शराब के साथ भोजन ज़रूर करें। कभी खाली पेट शराब न पिएं। 
  • अपने पैग में कोई तरल (लिक्विड) मिलाकर जैसे बर्फ़ या पानी सबसे बेहतर है, शराब को डाइल्यूट करें।  लेकिन कैलोरीयुक्त तरल जैसे की सोडा या ऐसे पदार्थ न लें। 
  • अगर आप इन्सुलिन लेते हैं, तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें, कि जिस दिन आपको शराब पीनी है, उस दिन इन्सुलिन की मात्रा कम करने की ज़रूरत है या नहीं.
  • जिनमें अल्कोहल की मात्रा ज़्यादा हो वैसी ड्रिंक्स पीने से संकोच करें। 

 

क्या वाकई शराब पीने से डायबिटीज  से जुड़ी समस्याएं और भी बढ़ जाती हैं?

  1. जिस किसी व्यक्ति का डायबिटीज़ धमनियों पर का असर कर रहा हो, ऐसे लोगों में दर्द का असर बढ जाता है। जिस किसी व्यक्ति में ट्राईग्लाइसराइड का लेवल ज़्यादा हो उन्हें जादा सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि  शराब इसकी मात्रा और बढ़ा सकता है और  इससे पैन्क्रियाटाइटिस मतलब की पैन्क्रियास में जलन की आशंका बढती है, और डायबिटीज  से सुरक्षा देने वाला  इन्सुलिन जो है उसकी मात्रा कम हो जाती है। आसान भाषा मे शराब इन्सुलिन को नुकसान पहुंचाती है। 
  2. आपको पाता होगा की शराब पीने से देखने की क्षमता कम हो सकती है। और उसिके साथ डायबिटीज़ के दौरान आंखों से जुड़ी बीमारियों की आशंका भी बढ़ सकती है। 

इसका मतलब है की शराब पीना हो तो सीमित मात्रा में ही पिया जाए , जादा शराब परेशानियोंका कारण बन जाता है। ऐसा कभी मत सोचिए की शराब पीने से खून में शुगर की मात्रा आसानीसे कम होगी। शराब के असर की भविष्यवाणी करना और उसिके साथ डायबिटीज पेशंट के बारे में तो लगभग नामुमकिन ही है। और ऐसे में शुगर कम करने के लिए शराब पीने का खतरा उठाना बिलकुल भी ठीक नहीं है।  

 

आप शुगर कम करने के लिये आपके भोजन का सही प्रबंधन करें, उसके अलावा  शारीरिक व्यायाम, वक्त पे दवाएं और तनावरहित ज़िंदगी जैसे उपायों को आजमाएं।